ब्लूमबर्ग ने स्टोरी चलाई है कि अमेरिकी शेयर बाजार से संबद्ध स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) सूचकांक में तेजी आ रही है। यह विश्लेषण के आधार पर निकला निष्कर्ष है जो मीडिया अब पेश कर रहा है, जबकि हम तो आपको 2008 से ही समय-समय पर एस एंड पी में लक्ष्य देते रहे है। हमने अनुमान जताया था कि 1250 को पार करते ही एस एंड पी भागने लगेगा। अब ऐसा हो रहा है और हर कोई इसे जानता है। डाउ जोंस अब तक की ऐतिहासिक चोटी से ज्यादा दूर नहीं है।
इसलिए आपको उस अंतर्दृष्टि पर भरोसा करना चाहिए जो आपके लिए धन बनाने का जरिया लेकर आती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एसबीआई में किसी और ने नहीं, हमने ही तब खरीद की सलाह दी थी, जबकि सारा बाजार आरआईएल के 650 रुपए और एसबीआई के 1400 रुपए तक गिरने की बात कर रहा था। एक तरफ हम है। दूसरी तरफ वे रेटिंग एजेंसियां और ब्रोकर फर्में हैं जो कतई भरोसे के काबिल नहीं हैं क्योंकि वे निहित स्वार्थों वाली अपनी रिपोर्टों में कहते कुछ, और करते कुछ और है। मैं नहीं जानता कि रिटेल निवेश सार्वजनिक तौर पर पेश की गई इन रिपोर्टों को तवज्जो देना कब बंद करेंगे। लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि बहुत सारे एफआईआई इनकी सच्चाई समझने लगे हैं और अब प्रोफेशनल रिसर्च पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं।
जब जनवरी में बाजार में तीखी गिरावट के साथ निफ्टी के 4000 पर चले जाने की चर्चाएं जोरों पर थीं, जिसमें मीडिया के कुछ मित्र भी शामिल थे, तब इकलौते हम निफ्टी के 5000 पर पहुंचने की बात कर रहा था। और, आज अंततः ऐसा हो गया। निफ्टी 5023.80 तक जाने के बाद 1.26 फीसदी की बढ़त के साथ 5018.40 पर बंद हुआ है। आज हम अपनी टीम से काफी खुश हैं। इस टीम की बदौलत ही हम जनवरी में ऐसी लांग कॉल्स देने में कामयाब रहे, जिनमें बहुत से स्टॉक्स ने 30 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। इस कामयाबी का राज़ है – डेरिवेटिव सौदों में कैश व फिजिकल सेटलमेंट के खेल की सही समझ।
आगे की बात करें तो आरआईएल के बायबैक में 900 रुपए मूल्य की बात की जा रही है और इसे बाजार की भावी दिशा के लिए अहम बताया जा रहा है। लेकिन मुझे लगता है कि यह बायबैक शायद हो ही न पाए। इसका मकसद निश्चित रूप से शेयर के भाव को आवेग देना है। मगर मेरे हिसाब से इसके साथ दो चीजें हो सकती हैं। एक तो यह कि बाजार अब अपनी तलहटी पर पहुंच चुका है। रिलायंस समूह बाजार की सटीक नब्ज और सही वक्त को पकड़ने का सबसे बड़ा उस्ताद है। इसे मेरे अलावा शायद कोई दूसरा समझ भी नहीं सकता।
दूसरी चीज यह कि बाजार दिसंबर तिमाही में रिलायंस के खराब नतीजों की उम्मीद कर रहा है, जैसा नहीं भी हो सकता है। दो दिन पहले ही सिंगापुर की सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.1 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है और ऐसा कंपनी की सामर्थ्य को समझे बिना संभव नहीं था। सिंगापुर सरकार की खरीद, बायबैक और बाजार के तलहटी पकड़ने के संकेतों को एक साथ मिलाकर देखने पर मेरा कहना है कि आरआईएल जल्दी ही 850 रुपए पर जाएगा, फिर 800 रुपए के आसपास खुद को जमाएगा और तीन से छह महीनों में 1000 रुपए के ऊपर पहुंच जाएगा। नतीजतन, आरआईएल बायबैक के लिए रखे गए पूरे धन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। रिलायंस इंफ्रा में बायबैक गलत वक्त पर किया गया। इसलिए बाजार की सोच सही साबित हो गई। लेकिन आरआईएल का बायबैक बहुत सोच-समझकर सटीक वक्त पर लाया गया है। इसलिए बाजार की सोच इसमें गलत साबित होगी।
कैश सेटलमेंट की व्यवस्था बॉम्बे डाईंग, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इंफ्रा, आरआईएल, एसबीआई, पैंटालून, जेट एयरवेज व वेलस्पन कॉरपोरेशन को कुछ और बढ़ने का अवसर देगी, जबकि इनफोसिस, टीटीके व वोल्टाज के और गिरने का अंदेशा है क्योंकि इनमें ऊपरी स्तरों पर अटके लोगों के पास निकलने की राह नहीं है और वे डिलीवरी भी नहीं मांग सकते। बॉम्बे डाईंग आज 462.50 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर बना गया, वहीं इनफोसिस गिरकर 2591.90 रुपए पर पहुंच गया।
रोलओवर का दौर अभी धमधम करता नहीं दिख रहा। यह कल या अगले हफ्ते से शुरू होगा। वैसे, बाजार कल से लेकर मंगलवार तक बहुत ज्यादा उत्पाती हो जाएगा। इसलिए काफी सतर्क रहने की जरूरत है। जिन्हें ट्रेड करना है, वे अभी शॉर्ट की तरफ झुककर चलें।
भविष्य उन्हीं का होता है जो अपने ख्बावों की खूबसूरती पर यकीन रखते हैं।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)