यूलिप को छोड़ बढ़ा शुद्ध बीमा का रुझान

लोगों में बीमा की जागरूकता बढ़ रही है। बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकड़े यही तस्वीर पेश कर रहे हैं। इस साल सितंबर की तिमाही में एकल और गैर-एकल प्रीमियम वाली पॉलिसियों में सम-एश्योर्ड 2,68,945.36 करोड़ रुपए रहा है, जबकि साल पहले की सितंबर तिमाही में यह बीमा कवर 2,46,482.45 करोड़ रुपए का था। इस तरह सालाना तुलना में सम-एश्योर्ड 15.33 फीसदी बढ़ गया है। लेकिन इसमें नोट करने की बात यह है कि लोगों ने यूनिट लिंक्ड या यूलिप पॉलिसियों के बजाय नॉन-लिंक्ड या शुद्ध बीमा पॉलिसियों को ज्यादा पसंद किया है।

गैर-एकल प्रीमियम पॉलिसियों में सितंबर 2009 की तिमाही के दौरान यूलिप पॉलिसियों में सम-एश्योर्ड 76,725.17 करोड़ रुपए और नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों में 1,65,176.74 करोड़ रुपए था। लेकिन सितंबर 2010 की तिमाही में यूलिप पॉलिसियों में सम-एश्योर्ड पहले से 18.68 फीसदी घटकर 62,391.14 करोड़ रुपए रह गया, जबकि नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों में सम-एश्योर्ड फीसदी 19.07 बढ़कर 1,96,673.88 करोड़ रुपए हो गया। इससे पता चलता है कि लोगों का रुझान नॉन-लिंक्ड या शुद्ध बीमा कवर वाली पॉलिसियों में बढ़ रहा है, जबकि यूलिप में उनकी दिलचस्पी घट रही है।

हालांकि एकल-प्रीमियम में यह रुझान थोड़ा भिन्न है। सितंबर 2009 में एकल-प्रीमियम वाली नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों में सम-एश्योर्ड 2401.93 करोड़ और यूलिप में 2178.61 करोड़ रुपए था। सितंबर 2010 की तिमाही में नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों में सम-एश्योर्ड 26.90 फीसदी बढ़कर 3048.16 करोड़ और यूलिप में 213.6 फीसदी बढ़कर 6832.18 करोड़ रुपए हो गया। यहां यूलिप में सम-एश्योर्ड लगभग तीन गुना हो गया है। लेकिन यह रकम गैर-एकल प्रीमियम की तुलना में बहुत मामूली है। इसलिए इसे आम रुझान नहीं माना जा सकता है। हां, इससे इतना जरूर पता चलता है कि लोगबाग यूलिप में बार-बार प्रीमियम देने को झंझट मानते हैं और इसे एक बार में ही निपटा देना चाहते हैं।

पॉलिसियों की संख्या पर गौर करें तो एकल-प्रीमियम वाली नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों की संख्या सितंबर 2009 की तिमाही में 3,46,959 थी। यह सितंबर 2010 की तिमाही में 21.29 फीसदी घटकर 2,73,088 रह गई है। वहीं इस दौरान एकल प्रीमियम वाली यूलिप पॉलिसियों की संख्या 19,73,485 से 39.19 फीसदी बढ़कर 27,46,841 हो गई है। लेकिन गैर-एकल पॉलिसियों की संख्या पर नजर डालें तो तस्वीर का रुख पलट जाता है।

गैर-एकल प्रीमियम वाली यूलिप पॉलिसियों की संख्या सितंबर 2009 की तिमाही में 49,29,779 थी। लेकिन सितंबर 2010 की तिमाही में यह 25.89 फीसदी घटकर 36,53,272 रह गई। इसी दौरान इस श्रेणी की नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों की संख्या 1,28,78,285 से 4.21 फीसदी बढ़कर 1,34,20,255 हो गई। इस संख्या को देखते हुए साफ नजर आता है कि लोग जहां सम-एश्योर्ड को अहमियत देने लगे हैं, वहीं वे नॉन-लिंक्ड पॉलिसियों को यूलिप से ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। वैसे, पहली अक्टूबर 2010 से यूलिप में इरडा द्वारा तमाम शुल्कों में कमी किए जाने के बाद आगे की तस्वीर बदल भी सकती है।

अगर सारी पॉलिसियों की संख्या की बात करें तो सिंतबर 2009 की तिमाही में कुल व्यक्तिगत पॉलिसियों की संख्या 2,01,28,508 थी, जिनमें से 1,78,08,064 गैर-एकल और 23,20,444 एकल प्रीमियम वाली पॉलिसियां थीं। सितंबर 2010 की तिमाही में कुल व्यक्तिगत पॉलिसियों की संख्या 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 2,00,93,456 हो गई, जिसमें से 1,70,73,527 पॉलिसियां गैर-एकल और 30,19,929 पॉलिसियां एकल प्रीमियम वाली थीं। इस तरह हम देख सकते हैं कि जहां गैर-एकल प्रीमियम वाली पॉलिसियों की संख्या में 4.12 फीसदी की कमी आई है, वही एकल प्रीमियम वाली पॉलिसियां 30.14 फीसदी बढ़ गई हैं। इन पॉलिसियों में राइडर वाली पॉलिसियां शामिल नहीं हैं। वैसे भी तुलनात्मक रूप से उनकी संख्या काफी कम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *