असर दिखाएंगे 3 दिन और 3 कारक

दुनिया के प्रमुख देशों के इक्विटी बाजार छुट्टियों के चलते बंद हैं, जबकि भारत का बाजार रोलओवर में व्यस्त है। चूंकि बाजार ओवरसोल्ड अवस्था में पहुंचा हुआ है, इसलिए रोलओवर इस समय शॉर्ट सौदों के हो रहे है और बाजार नीचे की दिशा पकड़कर उथल-पुथल मचा रहा है। फिर भी रुझान ऊपर की दिशा का है।

निफ्टी आज सुबह 11 बजे से पहले 4800 तक पहुंच गया। लेकिन गिरा तो ऊपर-नीचे होता हुआ आखिर में 0.60 फीसदी की गिरावट के साथ 4750.50 पर बंद हुआ। वोल्यूम एकदम नदारद है, औसत से बहुत कम। यह दौर है जब हमें 2011 के सबक और 2012 के नजिरए को लेकर गंभीर चिंतन-मनन करना चाहिए।

समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने कल एक रिपोर्ट चलाई, जिसमें कहा गया है कि बाजार को ब्याज दरों में कटौती की अपेक्षा है, लेकिन वह इसे जाहिर नहीं कर रहा। अण्णा का आंदोलन भी कुछ मंदड़ियों को सक्रिय किए हुए हैं। हालांकि मेरी राय में बाजार पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। वैसे, अगले तीन दिन बेहद उथल-पुथल भरे रहेंगे और सेटलमेंट के अंत में स्टॉक्स के बंद भाव उनमें ली गई पोजिशन के साथ-साथ इससे तय होंगे कि एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल), डीआईआई व एफआईआई को उनके लांग व शॉर्ट सौदों में कितना निचोड़ा जा सकता है। यह हर महीने हमारे बाजार में होनेवाली हफ्ता-वसूली बन गई है।

लोग अपनी-अपनी औकात के हिसाब से कीमत चुकाएंगे और जो कीमत देने के काबिल नहीं हैं, शहर के तमाम अस्पताल उन्हें भर्ती करने की बाट जोह रहे हैं। मैंने अभी-अभी बाजार की हालत से उपजे हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट-अटैक के शिकार दो लोगों को अंधेरी (मुंबई) के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती होते देखा है। खैर, या बाजार को दे दो, नहीं तो अस्पताल को दे दो। दोनों ही सूरत में अपना धन घर वापस ले जाने की कोई सूरत नहीं है।

हम 30 दिसंबर तक इंतजार करेंगे क्योंकि मेरा मानना है कि बाजार तीन वजहों से ऊपर उठेगा। एक, ओवरसोल्ड अवस्था। दो, वैश्विक बाजार में आता सुधार। और तीन, म्यूचुअल फंडों की एनएवी को संभालने की कसरत। इसके अलावा नवंबर माह में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है। हालांकि भारत के आंकड़ों के बारे में आप कभी भी आश्वस्त नहीं हो सकते। निर्यात के आंकड़ों ने जैसा भरोसा तोड़ा है, उसके बाद किसी आंकड़े पर यकीन नहीं आता।

जीवन जटिल नहीं, बल्कि हम जटिल हैं। जीवन सरल है और सरल चीज ही सही चीज होती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)

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