अर्थव्यवस्था डूब रही है या दौड़ रही है, इसको लेकर सरकार व अर्थशास्त्रियों की राय विपरीत है। लेकिन इसको लेकर कोई मतभेद नहीं कि सरकार ने नौ सालों में टैक्स-संग्रह बढ़ाने में शानदार सफलता हासिल की है। वित्त वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक के नौ साल में केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष टैक्स-संग्रह 173% बढ़ा है। अप्रत्यक्ष टैक्स में जीएसटी का संग्रह हर महीने नया रिकॉर्ड बनाता रहता है। कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम घटने के बावजूद सरकार ने जिस तरह डीज़ल और पेट्रोल के दाम एक्साइज़ व सेस बढ़ाकर नहीं घटने दिए, वो अपने आप में ऐतिहासिक मिसाल है। दरअसल, सरकार टैक्स वसूलने का कोई भी मौका नहीं चूकती। चाहे वो स्टॉक्स में लॉन्ग टर्म निवेश व ऋण म्यूचुअल फंडों से टैक्स रियायत छीन लेना हो या एफ एंड ओ सौदों पर ट्रांजैक्शन बढ़ा देना। कुछ दिनों पहले ही उसने विदेश में इलाज कराने या घूमने गए भारतीयों द्वारा क्रेडिट कार्ड से किए गए 7 लाख रुपए से ज्यादा के खर्च पर 20% टैक्स लगा दिया है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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