आगामी लोकसभा के चुनावों की तारीख घोषित हो गई। इसी के साथ देश लोकतंत्र के महोत्सव की तैयारी में जुट गया है। तारीखों के ऐलान के ठीक एक दिन पहले दस सालों से देश के प्रधानमंत्री रहे नरेंद्र मोदी ने अपने हस्ताक्षर से सभी देशवासियों के नाम एक पत्र जारी किया है। यह पत्र निश्चित रूप से आपके भी ह्वॉट्स-ऐप नंबर पर आया होगा। सबसे पहला सवाल तो यही कि हम सभी का ह्वॉट्स-ऐप नंबर प्रधानमंत्री के सूचना-संवाहक के पास पहुंचा कैसे? क्या यह हमारी निजता में दखल नहीं? दूसरा सवाल यह कि प्रधानमंत्री के इस पत्र में जो उद्गार व्यक्त किए गए हैं, उनकी सत्य-परीक्षा तथ्यों के आधार पर की जानी चाहिए। कारण, वे हमारे आका नहीं, बल्कि खुद उनके अपने शब्दों में प्रधान-सेवक हैं। पत्र के शुरू में उन्होंने ‘140 करोड़ परिवारजनों के साथ विश्वास, सहयोग और समर्थन से जुड़े रिश्ते’ की बात की है। सही है कि प्रधानमंत्री होने के नाते वे सभी 140 करोड़ देशवासियों के नुमाइंदे हैं। लेकिन यह तथ्य के बतौर गलत है कि उन्हें 140 करोड़ देशवासियों का विश्वास व समर्थन हासिल है। उनके एनडीए को 2019 के लोकसभा चुनावों में 91.20 करोड़ मतदाताओं में से 22.91 करोड़ यानी 25.12% ही वोट मिले थे। अब सोमवार का व्योम…
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