सरकार ने कहा है कि स्विटजरलैंड समेत दस देश अपने यहां भारतीयों द्वारा जमा कराए गए काले धन के बारे में जानकारी देने को तैयार हैं। वित्त राज्यमंत्री एस एस पलानी मणिक्कम ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार सूचना के प्रभावी आदान-प्रदान के लिए उपयुक्त कानूनी ढांचा तैयार कर रही है।
उन्होंने बताया कि भारत और स्विटजरलैंड ने दोहरा कराधान निषेध संधि को संशोधित करने वाले प्रोटोकॉल पर 30 अगस्त 2010 को हस्ताक्षर किए थे। स्विटजरलैंड द्वारा आंतरिक प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद यह प्रभावी हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि संशोधित दोहरा कराधान निषेध संधि से भारत को बैंकिंग सूचनाओं के साथ-साथ एक अप्रैल 2011 की अवधि से विशिष्ट मामलों में भी सूचनाएं मिलने लगेंगी।
उधर एक अन्य खबर के मुताबिक स्विटजरलैंड अपने बैंकों में मौजूद अमेरिकी नागरिकों के खातों की जानकारी देने की अमेरिका की कुछ मांगों को पूरा करने पर तैयार हो गया है। इससे पहले इसी साल जनवरी में स्विटजरलैंड की एक अदालत ने यूएसबी एजी बैंक के ग्राहकों के खातों की जानकारी अमेरिका को देने पर रोक लगा दी थी।