जो लोग भी शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं, वे एस पी तुलसियान को पहचानते जरूर होंगे क्योंकि तुलसियान जी दूसरे चैनलों पर तो नहीं, लेकिन सीएनबीसी टीवी-18 और आवाज़ पर बराबर दिखते रहते हैं। एनालिस्ट हैं। शेयरों को चुनकर निवेश की सलाह भी देते रहते हैं। उन्होंने करीब ढाई महीने पहले 21 नवंबर 2011 को तमाम तथ्य व तर्कों के आधार पर टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी में निवेश की सलाह दी थी। उसके नौ दिन पहले, 12 नवंबर 2011 ही कंपनी ने दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए थे। हम भी उसी समय से इन कंपनी पर निगाह रखे हुए थे।
टेक्नो इलेक्ट्रिक का दो रुपए अंकित मूल्य का शेयर तब 200 रुपए के आसपास चल रहा था। तुलसियान ने कंपनी से जुड़े मूलभूत कारकों के आधार पर कहा था, “यह शेयर छह महीने में कम से कम 250 रुपए के करीब पहुंच सकता है और कोई इसे एक-दो साल रख सकता है तो उसे सालाना आधार पर 20.25 फीसदी रिटर्न मिल सकता है।” महीने भर बाद ही इस शेयर ने लुढककर 175 रुपए पर 52 हफ्ते का तल्ला पकड़ लिया है। लेकिन फिर उठा तो उठता ही गया। कल यह बीएसई (कोड – 533281) में 249.90 रुपए तक ऊंचा जाने के बाद 6.38 फीसदी की बढ़त लेकर 245.90 रुपए पर बंद हुआ है। वहीं, एनएसई (कोड – TECHNO) में 249.65 रुपए तक जाने के बाद 6.89 फीसदी की बढ़त के साथ 245.20 रुपए पर पहुंच गया।
तुलसियान जी जरूर यह देखकर खुश होंगे क्योंकि उनका लक्ष्य छह महीने के बजाय ढाई महीने में ही हासिल हो गया। लेकिन हम यहां उनकी तारीफ नहीं करना चाहते। न ही यह कह रहे हैं कि वे हमेशा सही ही साबित होंगे। बल्कि हम यह बात आप तक पहुंचाना चाहते हैं कि फंडामेंटल्स के आधार पर की गई गणनाएं अमूमन सच हो जाती हैं और हमें अपने निवेश का आधार टेक्निकल नहीं, बल्कि फंडामेंटल कारकों को बनाना चाहिए। कंपनी मूलतः मजबूत है तो उसके शेयरों को लंबे समय तक दबाकर नहीं रखा जा सकता। उसका असली मूल्य कभी न कभी जोर मारकर बाहर निकल ही आता है।
टेक्नो इलेक्ट्रिक कोलकाता की कंपनी है। बिजली क्षेत्र को ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व कंस्ट्रक्शन) की सेवाएं देने के साथ ही खुद अक्षय ऊर्जा भी बनाती है। उसके पास 145 मेगावॉट की पवन ऊर्जा क्षमता है। साथ ही तेल रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल क्षेत्र को भी अपनी सेवाएं देती हैं। उसके ग्राहकों को एबीबी, बीएचईल, एनटीपीसी, एनएचपीसी व आईपीसीएल जैसी दिग्गज कंपनियां और तमाम राज्यों के बिजली बोर्ड शामिल हैं। असल में इन कंपनियों के पास ईपीसी के काम के लिए अलग डिवीजन नहीं है तो वे टेक्नो इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियों की सेवाएं लेती हैं। टेक्नो इलेक्ट्रिक के पास करीब 500 प्रोफेशनल लोगों की टीम है।
कंपनी ने अभी तक दिसंबर तिमाही के नतीजे घोषित नहीं किए हैं। शायद कुछ दिनों में घोषित कर दे। सितंबर तिमाही में उसकी आय 7.25 फीसदी बढ़कर 200.64 करोड़ रुपए हो गई थी। लेकिन शुद्ध लाभ 9.18 फीसदी घटकर 29.99 करोड़ रुपए पर आ गया था। इसकी खास वजह यह है कि कंपनी की ब्याज अदायगी 2.89 करोड़ रुपए से बढ़कर 6.37 करोड़ रुपए हो गई। लेकिन कंपनी का ऋण-इक्विटी अनुपात 0.52 के ठीकठाक स्तर पर है। सबसे खास बात यह है कि कंपनी के पास 1400-1500 करोड़ रुपए के अग्रिम ऑर्डर हैं। उनका इक्विटी पर रिटर्न 22.01 फीसदी है। शायद इन्हीं वजहों से बाजार ने इधर टेक्नो इलेक्ट्रिक को बढ़ाना शुरू किया है। हो सकता है कि नतीजे अच्छे आनेवाले हों।
सितंबर 2011 तक के बारह महीनों में कंपनी का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 17.06 रुपए है। इस तरह उसका शेयर इससे 14.41 गुना या पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। यह शेयर पिछले 52 हफ्तों के दौरान 280 रुपए का शिखर पकड़ चुका है। नवंबर 2010 में यह 444.90 रुपए तक जा चुका है। लेकिन फिलहाल हम इसमें निवेश की सलाह नहीं दे सकते। हमने तो यहां इसकी चर्चा महज यह बताने के लिए की कि मूलभूत मजबूती पर गौर करने से निवेश के लाभप्रद फैसले किए जा सकते हैं। टेक्नो इलेक्ट्रिक पर निगाह रखिए। यह दस के पी/ई यानी 170-175 रुपए पर आ जाए तो इसमें निवेश किया जा सकता है। हां, इससे पहले खुद जरूर रिसर्च कर लीजिएगा कि कंपनी के साथ कोई लोचा तो नहीं है क्योंकि मुझे हल्का-सा आभास इस बात का मिल रहा है। कंपनी के प्रबंध निदेशक पी पी गुप्ता हैं। कंपनी की 11.42 करोड़ रुपए की इक्विटी का 54.97 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है।