विराट छल 2011-08-28 By: अनिल रघुराज On: August 28, 2011 In: ऋद्धि-सिद्धि जब तक माया है, तभी तक भगवान है। माया के हटते ही भगवान भी उड़न-छू। तब हमें उस विराट सत्ता की अनुभूति होती है जो अंदर-बाहर हिलोर मार रही है और दुनिया का विराट छल भी तब बेपरदा हो जाता है। और भीऔर भी