शब्दों से परे की सोच!! जब शब्द नहीं था, सिर्फ नाद था, ध्वनियां थीं, तब भी तो इंसान सोचता ही रहा होगा। शब्दों के बिना ज़रा सोचकर देखें कि उस वक्त इंसान कैसे सोचता रहा होगा। बड़ा मज़ा आएगा।और भीऔर भी