जानने की शुरुआत चौंकने से होती है। जिस दिन हम चौंकना बंद कर देते हैं, उसी दिन से नया जानने की सिलसिला रुक जाता है। ज्ञान की धारा अवरुद्ध हो जाती है। इसलिए चौंकना कभी मत छोड़िए।और भीऔर भी

काल की धारा में बहना आसान है, तैरना कठिन है। बहने के लिए कुछ नहीं करना होता। लेकिन तैरने के लिए सीखना पड़ता है, धारा को समझना पड़ता है, प्रवाह से लड़ना पड़ता है। इंसान बनना पड़ता है।और भीऔर भी