बड़े अफसोस की बात है कि छोटे हमेशा छोटा ही रहना चाहते हैं और उनमें बड़ा, समझदार व जानकार बनने की कोई इच्छा नहीं है। वे अपना दायरा तोड़ने को तैयार नहीं हैं। अब भी निवेश करने से पहले रिसर्च की अहमियत नहीं समझते। हमने ओएनजीसी के 800 रुपए रहने पर अपनी रिपोर्ट आपको दी होती तो रिसर्च की लागत आज शायद शून्य हो जाती। हम कोई सूचना सार्वजनिक होने से काफी पहले अपनी रिसर्च रिपोर्ट लेऔरऔर भी

बीएसई सेंसेक्स इधर-उधर होता रहा, फिर भी उसमें ज्यादा गिरावट नहीं आई। एनएसई निफ्टी 5477 अंक को पार नही कर सका तो बाजार में करेक्शन आ गया और जो भी थोड़ी-बहुत बढ़त हुई थी, मिट गई। लेकिन इसके कोई खास फर्क नहीं पड़ता। हकीकत यह है कि एचएनआई (हाई नेटवर्थ इंडीविजुअल) यानी अमीर निवेशक अब बाजार में लौट रहे हैं और कैश सेगमेंट का सतहीपन मिट रहा है, गहराई आ रही है। सभी छोटे-मोटे ऑपरेटर सक्रिय होऔरऔर भी

निवेश की दुनिया की जानीमानी फर्म नोमुरा सिक्यूरिटीज के प्रतिनिधि ने आज ब्लूमबर्ग को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि वे भारतीय बाजार के प्रति अब न इधर की, न उधर की, बस बीच की राय रखते हैं। सही बात है कि सेंसेक्स का 18,000 पर पहुंचना एफआईआई तक के बीच बाजार के महंगा होने की थोड़ी झुरझुरी पैदा कर सकता है। लेकिन मेरा यकीन मानिए। एफआईआई ने केवल जुलाई महीने में बाजार में 16,000 करोड़औरऔर भी