जहां गंदगी होती है, क्षरण वहीं होता है। जहां सफाई है, वहां स्वाभाविक विकास चलता रहता है। यही प्रकृति का नियम है। इसलिए विकास के लिए जरूरी शर्त है कि गंदगी को बराबर साफ करते रहा जाए।और भीऔर भी

इस जहां में सिर्फ एक चीज है जिस पर इंसान का वश नहीं है। वो है समय और उसी से संचालित होता जीवन-मरण का चक्र। बाकी किसी भी चीज की काट नियमों को समझकर निकाली जा सकती है।और भीऔर भी

आदमी को वहीं से उठना चाहिए जहां वह गिरता है। जीवन में यही नियम लागू होता है। जो गिरते कहीं और हैं और उठना कहीं और से चाहते हैं वे कभी खड़े नहीं हो पाते, दौड़ना तो बहुत दूर की बात है।और भीऔर भी