ट्रेडर तो हर कोई बन सकता है क्योंकि जिसके पास भी पूंजी है वो शेयर बाज़ार में खरीदना-बेचना शुरू कर सकता है। लेकिन कामयाब ट्रेडर बनना बेहद कठिन है। संन्यासी जैसा निर्मोही और योद्धा जैसा निपुण। पुरानी सोच को घिस-घिसकर निकालना पड़ता है, अपने हथियार पर सान चढ़ानी पड़ती है। दरअसल, शेयर बाज़ार बना ही ऐसा है जहां मुठ्ठी भर जीतते हैं और खांची भर हारते हैं। जो दृष्टा है, वही जीतता है। अब आज का बाज़ार…औरऔर भी

भारत अगर ऋषियों-मुनियों का देश रहा है तो एकबारगी यह उनसे रीता नहीं हो सकता। दिक्कत यह है कि हम भागकर अतीत की वादियों में यूं गुम हो जाते हैं कि वर्तमान को ठीक से देख ही नहीं पाते।और भीऔर भी