जो बढ़ चुके हैं या जिनमें हर हाल में बढ़ने का दमखम है, उन्हें फिलहाल बेचकर मुनाफा कमाओ और जो थोड़ा रिस्की हैं, उथले हैं, उन्हें चढ़ाते जाओ ताकि बाज़ार के गिरते ही बेचकर अच्छा-खासा मुनाफा कमा लिया जाए। निफ्टी कल भले ही फ्लैट रहा हो, लेकिन निफ्टी मिडकैप 50 सूचकांक 1.88% बढ़ गया। बड़े खिलाड़ियों की यही रणनीति चल रही है इस समय। हम भी उनके नक्शे-कदम पर चलकर कमा सकते हैं। अब शुक्र का बाज़ार…औरऔर भी

बाज़ार सोम को गिरा, मंगल को उठा, बुध को जस का तस पड़ा रहा। गुरु को खुला तो बढ़त के साथ। लेकिन अचानक 1.25% का गोता लगातार उठा तो थोड़ी बढ़त लेकर बंद हुआ। बाज़ार आखिर जाना कहां चाहता है? हम नहीं जानते। ट्रेडर को इससे मतलब भी नहीं होना चाहिए। उसका तो मकसद है जो भी दिशा हो, उसे पकड़कर लाभ कमाना। कयासबाज़ी विश्लेषकों के पापी पेट का सवाल है, उसका नहीं। इसलिए पकड़ते हैं दिशा…औरऔर भी

गिरता स्टॉक थोड़ा उठ जाए तो क्या! बढ़ता स्टॉक थोड़ा गिर जाए तो क्या!! नियम कहता है कि साल-छह महीने से बढ़ते शेयर को शॉर्ट न करें और साल-छह महीने से गिरते शेयर में लांग पोजिशन न पकड़ें। ऐसा नहीं कि गिरते शेयर थोड़े दिन बढ़ नहीं सकते या बढ़ते शेयर कुछ दिन गिर नहीं सकते। लेकिन अपट्रेंडिंग स्टॉक्स में लांग और डाउनट्रेंडिंग स्टॉक्स में शॉर्ट करना ट्रेडिंग में रिस्क को घटाने की रणनीति है। अब आगे…औरऔर भी