जीवन की राहों पर अनिश्चितता है, अराजकता नहीं। शिक्षा व संस्कार हमें इन राहों पर चलने का ड्राइविंग लाइसेंस दिलाते हैं। हमारा आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। बाकी, अनिश्चितता का थ्रिल हमारा उत्साह बरकरार रखता है।और भीऔर भी

असत से सत की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, मृत्यु से अमरत्व की ओर। सब प्रार्थना है। यथार्थ यह है कि हम हर समय असंतुलन से संतुलन की ओर बढते रहते हैं। लेकिन पूर्ण संतुलन तो मृत्यु पर भी नहीं मिलता।और भीऔर भी