भरमाओ मत, समझो थोड़े में ज्यादा
जिस तरह हमारे शरीर की सीमाएं हैं, उसी तरह हमारे दिमाग की भी सीमाएं हैं। मानव मस्तिष्क को पांच से ज्यादा वेरिएबल्स दे दो तो वह फ्रीज़ हो जाता है, कन्फ्यूज़ होकर काम ही करना बंद कर देता है। इसलिए बाज़ार का विश्लेषण करते वक्त पांच से ज्यादा संकेतकों या अलग डाटा का इस्तेमाल हमें भ्रमित कर सकता है। हमें चार्ट से बाज़ार में सक्रिय लोगों की सक्रियता समझनी है। अब करते हैं आगाज़ इस हफ्ते का…औरऔर भी