तकरीबन सारे के सारे ट्रेडर मानकर चलते हैं कि कंपनी के साथ जो कुछ हो रहा है, वह उसके शेयर के भावों में झलक जाता है। इसलिए अकेले टेक्निकल एनालिसिस से उनका कल्याण हो जाएगा। वे फंडामेंटल एनालिसिस की कतई परवाह नहीं करते। यह एकांगी और नुकसानदेह नजरिया है क्योंकि भाव अंततः जिस मूल्य की तरफ बढ़ते हैं वो कंपनी के फंडामेंटल्स, उसके धंधे की स्थिति से ही तय होता है। अब रुख आज के बाज़ार का…औरऔर भी