इतने कम में काम कैसे चला लेते हो भाई! जरूरतें बढ़ाओ और उनको पूरा करने का पुरुषार्थ करो। नहीं तो जिंदगी यूं ही अकारथ चली जाएगी और आप जहां से चले थे, वहीं तक सिकुड़े रह जाएंगे।और भीऔर भी