यार-दोस्त 2010-04-06 By: अनिल रघुराज On: April 6, 2010 In: ऋद्धि-सिद्धि ये दोस्त भी अजीब होते हैं। कुछ करीब और कुछ अज़ीज़ होते हैं। कुछ बनाते हैं हम अपनी मर्ज़ी से, कुछ हमें किस्मत से नसीब होते हैं।और भीऔर भी