जो लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं, वे नौकरी करते हैं। जो लोग सिर्फ समाज के बारे में सोचते हैं, वे होलटाइमरी करते हैं। जो लोग अपने साथ-साथ समाज के बारे में भी सोचते हैं, वे उद्यमी बनते हैं।और भीऔर भी

व्यापक स्तर पर लोग क्या चाहते हैं और उनकी चाहत कैसे पूरी की जा सकती है, जब आप यह जान लेते हैं, तभी से आपका उद्यम आकार लेने लगता है। छोटे से लेकर बड़े उद्यमी का मूल मंत्र यही होता है।और भीऔर भी