बहुतेरे लोगों से सुना था, “मेरा मन कहता है कि यह शेयर यहां से जमकर उठेगा और ऐसा ही हुआ।” लेकिन कल तो हद हो गई। एक सज्जन बताने लगे कि उन्हें गुरुवार 30 मई को सुबह-सुबह सपना आया कि शुक्रवार को निफ्टी टूटेगा और वाकई निफ्टी 6134 से 5976 तक टूट गया। मैं उनसे क्या कहता! लेकिन आपसे विनती है कि मन/सपनों से मुक्त होकर ही बाज़ार में प्रवेश कीजिए। आइए, देखें इस गुरुवार का हाल…औरऔर भी

नियम है कि बाज़ार में एंट्री मारते समय बहुत सावधानी बरतें। पूरी रिसर्च के बाद ही किसी सौदे को हाथ लगाएं। लेकिन निकलने में तनिक भी देर न करें। राणा की पुतली फिरी नहीं, तब तक चेतक मुड़ जाता था। हल्की-सी आहट मिली कि खटाक से निकल लिए। पर आम लोग इसका उल्टा करते हैं। घुसते खटाक से हैं। लेकिन लंबा इंतज़ार करते हैं कि बाज़ार उनकी चाहत पूरा करेगा, तभी निकलेंगे। देखते हैं आज का बाज़ार…औरऔर भी

बाज़ार वही, शेयर भी वही। एक-सा उठना-गिरना। पर यहां कुछ लोग हर दिन नोट बनाते हैं, जबकि ज्यादातर की जेब ढीली हो जाती है। शेयर बाज़ार की बुनावट ही ऐसी है कि यहां कुछ कमाते हैं, अधिकांश गंवाते हैं। फुटबॉल मैच का उन्माद खोजनेवाले यहां पिटते हैं। काहिलों को बाज़ार खूब धुनता है। वो आपके हर आग्रह-दुराग्रह, कमज़ोरी का इस्तेमाल आपके खिलाफ करता है। सो, रियाज़ से हर खोट को निकालना ज़रूरी है। अब नज़र आज पर…औरऔर भी