सजग बु्द्धिजीवी मानव समाज का स्नायुतंत्र हैं। वे समाज को दिशा देनेवाली विचार-श्रृंखला को बनाते और बढ़ाते हैं। जो समाज बुद्धिजीवियों को मुक्त माहौल नहीं दे पाता, वह पथ-भ्रष्ट हो जाता है।और भीऔर भी