शेयर का भाव ठीक उस वक्त खरीदारों और विक्रेताओं के बीच स्वीकृत मूल्य को दर्शाता है। तेजड़िया इस उम्मीद में खरीदता है कि भाव आगे बढ़ेगा। मंदड़िया इस भरोसे में बेचता है कि भाव गिरेगा। ये चारों तरफ से ऐसे निवेशकों/ट्रेडरों से घिरे रहते हैं जो दुविधाग्रस्त हैं। दुविधा छोड़ ऐसे लोग बाज़ी न मार ले जाएं, यह डर तेजड़ियों और मंदड़ियों से सौदा करवाता है और निकलता है भाव। उतरें अब भावों की ताज़ा भंवर में…औरऔर भी