कंपनी विधेयक, 2009 के संसद के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कहना है कि संसद की अवधि घटा दी गई है, इसलिए इस विधेयक के चालू सत्र में पारित होने की संभावना नहीं है। कंपनी विधेयक, 2009 करीब 50 साल पुराने कंपनी अधिनियम, 1956 की जगह लेगा। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बजट भाषण में बताया था कि कंपनी विधेयक चालू बजट सत्र में पेश कर दिया जाएगा। कंपनीऔरऔर भी

कंपनी एक्ट 1956 के अनुसार किसी भी भारतीय कंपनी का विलय विदेशी कंपनी में नहीं हो सकता है। हां, विदेशी कंपनी का विलय भारतीय कंपनी में जरूर हो सकता है। मतलब, कोरस का विलय टाटा स्टील में हो सकता है, टाटा स्टील का कोरस में नहीं। भारती एयरटेल ज़ैन टेलिकॉम से हाथ तो मिला सकती है, उसका अपने में विलय भी कर सकती है। लेकिन वह खुद बड़ी सी बड़ी विदेशी कंपनी में विलीन नहीं हो सकतीऔरऔर भी