दुनिया के बाजारों में मजबूती के बावजूद भारतीय बाजार आज ढीला रहा, इसलिए क्योंकि कारोबारी कल आ रहे इनफोसिस के नतीजों को लेकर कोई दांव नहीं खेलना चाहते। इतना तय है कि महज एक तिमाही में डॉलर के सापेक्ष रुपए के 12 फीसदी बढ़ जाने से भावी नजरिए को बेहतर करना या पिछले स्तर को बरकरार रखना भारी मुश्किल काम है, भले ही यह कंपनी इनफोसिस ही क्यों न हो। हमारे विश्लेषकों के मुताबिक इनफोसिस कल याऔरऔर भी

सेंसेक्स के 18,000 तक पहुंचने के आसार ने शेयर कारोबारियों के दिमाग में एक रौ जग गई है कि फटाफट-झटपट कुछ कर लेना चाहिए और वे बेचकर मुनाफा कमाने में लग गए हैं। अच्छी बात है। लेकिन बाजार को अभी लंबा चलना है क्योंकि 13 अप्रैल आने में छह दिन बचे हैं। 13 अप्रैल को इनफोसिस के नतीजों में वो कुंजी है जो बाजार की अगली मंजिल का फैसला करेगी। एचडीआईएल और डीएलएफ ऐसा तेज भाग रहेऔरऔर भी

बाजार ने शुरू में थोड़ी घबराहट दिखाई। लेकिन आखिर में बंद हुआ 18,000 के थोड़ा और करीब पहुंचकर। और, यह कोई असामान्य बात नहीं है। मेरे मुताबिक इसमें कोई दो राय नहीं है कि बाजार अब ज्यादा चुनौतीपूर्ण और जटिल हो चुका है। बाजार (बीएसई सेंसेक्स) 8000 अंक से 18,000 अंकों तक का लंबा फासला तय कर चुका है। इसलिए अगर आप सोचते हैं कि आप बाजार के धुरंधर हो गए हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकतेऔरऔर भी

आज अर्थकाम के लिए बहुत खुशी का दिन है और यह खबर हम आपके साथ बांटना चाहते हैं। अर्थकाम ने अपनी शुरुआत के चंद दिन के भीतर ही पूंजी बाजार के शोध से जुड़ी प्रमुख कंपनी सीएनआई रिसर्च से बाकायदा रणनीतिक गठजोड़ करने में कामयाबी हासिल कर ली है। यह सूचना आज 6 अप्रैल, मंगलवार को देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई ने भी अपनी बेवसाइट पर प्रकाशित है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट पर कॉरपोरेटऔरऔर भी

बाजार की गति बतानेवाला बीएसई सेंसेक्स आज 17,935 अंक पर बंद हुआ। यह अब 18,000 के स्तर से कुछ ही फासले पर है। आनेवाले हफ्तों में यह 18,300 अंक के पार जा सकता है। टाटा स्टील 680 रुपए पर जा पहुंचा तो स्टरलाइट 865, सैंडुर 760, विंडसर 47, विमप्लास्ट 184, शिवालिक 33, बालासोर 28, आरडीबी 118, एसएनएल 42, जमना ऑटो 89 और एनआरबी 78 रुपए तक चला गया। बढ़त का दौर ऐसे ही चला। फिर भी बहुतऔरऔर भी

मुझे अपने स्तर पर पता है कि बाजार के एक स्मार्ट ऑपरेटर ने निफ्टी में 5300 के स्तर पर कुछ शॉर्ट सौदे किए हैं। हालांकि वह तमाम शेयरों के साथ ही बाजार में तेजी आने की धारणा रखता है। असल में उसने शॉर्ट कॉल महज इसलिए दी है क्योंकि वह जांचना चाहता है कि निफ्टी में 5350 पर कोई रुकावट बन रही है या नहीं। उसे खुद लगता है कि अगले 12 महीनों में निफ्टी 7000 तकऔरऔर भी

देश के शेयर बाजारों में सूचीबद्ध 27 फीसदी कंपनियों में पिछले कई महीनों से कोई कारोबार नहीं हो रहा है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों के प्रवर्तक अपने शेयर पहले ही बेचकर निकल चुके हैं। लेकिन लाखों आम निवेशक इनमें से ऐसा फंसे हैं कि न उनसे उगलते बन रहा है और न ही निगलते। करोड़ों के इस गड़बड़झाले पर न तो सेबी का कोई ध्यान है और न ही कॉरपोरेट मामलात इसे तवज्जो दे रहा है। बॉम्बेऔरऔर भी

इस्पात इंडस्ट्रीज के प्रवर्तक कंपनी में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी बढ़ाकर 46 फीसदी करेंगे। उनकी मौजूदा इक्विटी हिस्सेदारी लगभग 41 फीसदी है। असल में कंपनी के निदेशक बोर्ड के कल ही अपनी बैठक में तय किया है कि प्रवर्तकों को वरीयता आधार पर इक्विटी शेयर वारंट जारी किए जाएंगे। ये वारंट आवंटन के 18 महीने बाद इक्विटी शेयर में बदले जा सकते हैं। अभी बोर्ड के इस फैसले को कंपनी के शेयरधारकों की असाधारण आमसभा (ईजीएफ) में पासऔरऔर भी

बाजार आज थोड़ा दबकर बंद हुआ। हालांकि मेरा अंदाज था कि एनएवी के चक्कर में खरीद ज्यादा होगी। मुझे लगता है कि ज्यादातर फंड मैनेजर अपने कामकाज व उपलब्धि से खुश हैं और आखिरी वक्त पर उन्हें एनएवी की खास पड़ी नहीं है। असल में यह वित्तीय साल म्यूचुअल फंडों के लिए जबरदस्त रहा है। वैसे, स्मॉल व मिड कैप शेयरों में सक्रियता बनी रही। फंडिंग की रुकावट दूर हो चुकी है और नई खरीद होने लगीऔरऔर भी

खाद्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि इस साल खाद्यान्न उत्पादन 160 लाख टन रहेगा जो 145.7 लाख टन के अनुमान से करीब 9 फीसदी ज्यादा है। मेरी राय में यह खाद्य पदार्थों से उपजी मुद्रास्फीति को नीचे लाने के लिए पर्याप्त है। मुद्रास्फीति वैसे भी इस समय बहुत ज्वलंत मुद्दा बनी हुई है और खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति में कमी का हर संकेत स्वागतयोग्य है। दूसरी तरफ इस तिमाही में कंपनियों की आय शानदार रहेगी। अमेरिकीऔरऔर भी