बाज़ार में मूलतः दो तरह की गतियां होती हैं। पहली, जिनके पीछे कोई न कोई घटनाक्रम, कोई खबर होती है। इनको पकड़ना आसान लगता है। लेकिन है बहुत कठिन। फिर खबर हमारे पास पहुंचे, इससे पहले ऊंची पहुंच वाले उसे पकड़कर बाज़ार में खेल कर चुके होते हैं। दूसरी गति अनायास होती है। उसके पीछे कोई प्रत्यक्ष वजह नहीं होती। कमाल की बात है कि अनायास होनेवाली इस गति को पकड़ना आसान है। अब आज का व्यवहार…औरऔर भी

बड़ी आम-सी बात हो गई है कि जब दुनिया के बाजार बढ़ते हैं तो हमारे बाजार में करेक्शन आ जाता है। भारतीय शेयर बाजार कल काफी बढ़े। लेकिन आज जब दुनिया के बाजार बढ़त पर थे तब हम कमोबेश ठंडे पड़े रहे। यह काफी समय से हो रहा है। हो सकता है कि यह इंट्रा-डे ट्रेडरों को छकाने की चाल हो। व्यापक तौर पर माना जा रहा है कि निफ्टी का 5500 के ऊपर जाना बेहद मुश्किलऔरऔर भी