मैं गलत कैसे हो सकता हूं? एक-न-एक दिन साबित हो जाएगा कि मैंने जो फैसला लिया, वो कितना सही था। कुछ ऐसा ही सोचकर हम पुराने फैसलों से चिपके रहते हैं और अपने सही होने का इंतज़ार करते हैं। वक्त सरकता जाता है, पर हमें सही साबित करने का वक्त कभी नहीं आता। जीवन में यह सोच भले चल जाए, लेकिन शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से चिपक जाए तो बरबाद कर डालती है। अब आज का अध्याय…औरऔर भी