सृजन और संघर्ष
2011-03-08
इंसान की सृजनात्मकता निठल्ले चिंतन की उपज नहीं होती। संघर्ष-विहीन जीवन से सृजन नहीं, उबासियां निकलती हैं। कठोर वास्तविकता की रगड़-धगड़ से ही सृजन की चिनगारी फूटती है।और भीऔर भी
इंसान की सृजनात्मकता निठल्ले चिंतन की उपज नहीं होती। संघर्ष-विहीन जीवन से सृजन नहीं, उबासियां निकलती हैं। कठोर वास्तविकता की रगड़-धगड़ से ही सृजन की चिनगारी फूटती है।और भीऔर भी
© 2010-2020 Arthkaam ... {Disclaimer} ... क्योंकि जानकारी ही पैसा है! ... Spreading Financial Freedom