आम हैं अनोखे भी
2010-10-08
किसी के मान लेने से कोई गिनती नहीं बन जाता। हम में हर कोई अपने मन का राजा है। किसी से कम नहीं। शायद हर जानवर भी खुद को अनोखा समझता होगा। वैसे, हर गिनती भी तो अपने-आप में अनोखी होती है।और भीऔर भी
किसी के मान लेने से कोई गिनती नहीं बन जाता। हम में हर कोई अपने मन का राजा है। किसी से कम नहीं। शायद हर जानवर भी खुद को अनोखा समझता होगा। वैसे, हर गिनती भी तो अपने-आप में अनोखी होती है।और भीऔर भी
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