हम शरीर से लिबर्टी लेते रहे, मनमर्जी करते रहे। लेकिन यही शरीर जब हमसे लिबर्टी लेने लगता है, तब हमारी सारी लिबर्टी हवा हो जाती है। अरे भाई, पहले से ही संयम नियम माना होता तो ये नौबत ही क्यों आती।और भीऔर भी