हम हिंदुस्तानी फालतू माथा फोड़ते हैं कि ग्रह-नक्षत्रों की चाल हमारे जीवन को कैसे चलाती है। लेकिन इस पर कम दिमाग लगाते हैं कि खुद हम इंसानों का सामूहिक बर्ताव क्या और कैसे गुल खिलाता है। शेयर बाजार में खरीदने व बेचनेवालों के सामूहिक मन को कैप्चर करता है परिष्कृत सॉफ्टवेयरों की मदद से टेक्निकल एनालिसिस। पर वो बस दशा बताता है, दिशा नहीं देता। दिशा जानने के सूत्र भिन्न हैं। बताएंगे बाद में। अभी हाल बाज़ारऔरऔर भी

दुनिया के बाजार जापान की बात बिसूर चुके हैं, जबकि भारतीय बाजार अब भी अपनी लय पकड़ने की जद्दोजहद में लगा है। यह दिखाता है कि भारत की गति दुनिया से भिन्न है। विश्व बाजार से भारत के असंपृक्त या जुदा होने और पूरी तरह समाहित होने के दोनों ही सिद्धांत गलत साबित हो चुके हैं। असल में भारत में एक ही सिद्धांत चलता है और वह है गठजोड़ का सिद्धांत। यहां गठजोड़ से सरकार चलती है।औरऔर भी