किताबी ज्ञान पिछली पीढ़ियों के अनुभवों का निचोड़ है। लेकिन वह तब तक किसी काम का नहीं, जब तक उसे आज के संदर्भ में पचा न लिया जाए। नहीं तो वह व्यक्ति को वायु के रोगी की तरह असहज बना देता है।और भीऔर भी