आप प्रतिकूलताओं से घिरे हैं तो भाग्यशाली हैं क्योंकि इनके बीच ही हमारी सोई शक्तियां जगती हैं। सब ठीक हो तो नई अनुभूति नहीं मिलती। और, अनुभूति ही तो पूंजी है। बाकी तो सभी को विदा खाली हाथ ही होना है।और भीऔर भी