बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) का कोई जवाब नहीं। बीमा उद्योग के इस रेगुलेटर ने यूलिप पर जो नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उनसे यूलिपधारकों को काफी फायदा होने की उम्मीद है। यह एक प्रकार से सबसे ज्यादा बिकनेवाले बीमा उत्पाद यूलिप की ओवरहॉलिंग हैं। इससे एजेंटो द्वारा की जा रही मिस-सेलिंग पर रोक लगेगी और पॉलिसीधारक को ज्यादा बीमा कवर भी मिलेगा। ज्यादा इंश्योरेंस: नए यूलिप ज्यादा इंश्योरेंस देनेवाले हैं। अब सभी यूलिप में मेडिकलऔरऔर भी

पिछले कुछ महीनों से उठे गुबार के बाद थोड़े-से भी जानकार निवेशकों में यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पोडक्ट) को लेकर इतनी हिकारत पैदा हो गई है कि वे इसमें पैसा लगाना सरासर बेवकूफी समझते हैं। आम धारणा यही है कि बीमा लेना हो तो टर्म इंश्योरेस लेना चाहिए और निवेश का लाभ लेना हो तो सीधे म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहिए। इन दोनों के घालमेल यूलिप में पैसा लगाने का मतलब सिर्फ एजेंट की जेब भरनाऔरऔर भी

कहा जाता है कि झगड़े में किसी का फायदा नहीं होता है। लेकिन यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी (यूलिप) को लेकर सेबी व इरडा के बीच छिड़ी जंग से इंश्योरेंस ग्राहकों का फायदा ही हो रहा है। पिछले कुछ समय से बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (इरडा) ने यूलिप को बेहतर करने की ठान ली है। इरडा ने एक नई पहल के जरिए जीवन बीमा कंपनियों के पेंशन प्लान का आकर्षण भी बढ़ाया है। आगामी 1 जुलाई सेऔरऔर भी