वही खाना, वही सोना, वही जागना, वही नहाना, वही धोना। यह क्रम है जिसे हर दिन निभाना रहता है। घर की सफाई हर दिन करनी पड़ती है। इसी तरह ज्ञान के लिए एक दिन नहीं, हर दिन पढ़ना पड़ता है।और भीऔर भी

अमूमन कुछ लोग लिखते हैं, बहुत से लोग पढ़ते हैं। लेकिन इधर लिखनेवाले बहुत हो गए हैं और पढ़नेवाले कम तो इसका मतलब यही है कि रीतापन इतना ज्यादा है कि अब पढ़नेवाले ही कलम उठाने लगे हैं।और भीऔर भी