लड़ाई तो हम सभी अपनी-अपनी लड़ते हैं और लड़नी भी चाहिए। दूसरों को काम पड़ने पर ही बुलाते हैं, लेकिन बगैर यह जाने कि वह खुद किन उलझनों में उलझा है। अरे भाई, पहले हाल तो पूछ लो!और भीऔर भी

हर कोई अपनी-अपनी दुनिया में मस्त है। हम भी हैं। इसमें क्या बुराई! लेकिन यह तो पता होना चाहिए कि दुनिया की किन चीजों ने हमारी दुनिया को अपनी जद में ले रखा है। टिटिहरी या शुतुरमुर्ग जैसा भ्रम क्यों?और भीऔर भी