दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका से उत्साहित करनेवाली आर्थिक खबरें आ रही हैं। फिर भी माहौल में अजब किस्म की पस्ती है। भारत के साथ इसका उल्टा है। यहां आर्थिक खबरों में कोई खास उत्साह नहीं। मोदी सरकार के दस साल में जीडीपी 5.9% सालाना की दर से बढ़ा है, जबकि मनमोहन सिंह के दस साल में जीडीपी इससे ज्यादा 6.8% सालाना की दर से बढ़ा था। मगर माहौल ऐसा बना दिया गया है कि जैसे हम आसमान पर उड़े जा रहे हों। विदेशी विश्लेषक भी यही ढोल पीट रहे हैं। मॉर्रन स्टैनली और जे.पी. मॉर्गन चेज़ जैसे निवेश बैंकर कह रहे हैं कि अगर मोदी सरकार इस बार सत्ता में नहीं आई तो भारतीय शेयर बाज़ार 25% से भी ज्यादा क्रैश हो सकता है। उधर, 2021 के बाद से चीन व हांगकांग में शेयर बाज़ार गिरने में 4.8 लाख करोड़ डॉलर स्वाहा हो चुके हैं। इस बीच हमारा एनएसई इस साल जनवरी में ही हांगकांग को पीछे छोड़ दुनिया का चौथा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया। चीन का सीएसआई सूचकांक तीन साल से लगातार गिर रहा है और पिछले साल 11.4% गिरा है। हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक चार साल से गिर रहा है और पिछले साल 13.8% गिरा है। वहीं, एनएसई का निफ्टी-50 सूचकांक आठ साल से बढ़ रहा है और बीते साल 20% बढ़ा है। अब बुधवार की बुद्धि…
यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...