क्या-क्या जान लें तो शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग से कमाने का चांस बढ़ सकता है? सबसे पहले जान लें कि किसी शेयर से जुड़ी कंपनी के फंडामेंटल्स क्या हैं, इससे उसमें निवेश की रणनीति तो बनाई जा सकती है, लेकिन ट्रेडिंग की नहीं। इसलिए अपनी सीमा समझें और खबरों के पीछे भागना छोड़ दें क्योंकि रिटेल ट्रेडर तक अखबारों, बिजनेस चैनलों या ऑनलाइन मीडिया से जब तक कोई खबर पहुंचती है, उससे काफी पहले उस्तादों तक पहुंच चुकी होती है और बाज़ार उसे पूरा जज़्ब कर चुका होता है। भावों का उतार-चढ़ाव ही हमारी ट्रेडिंग रणनीति का आधार हो सकता है। इसलिए टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी बेहद ज़रूरी है। इसमें भी सपोर्ट-रेजिस्टेंस से आगे बढ़कर अगर हम डिमांड-सप्लाई यानी, संस्थाएं व बड़े ट्रेडर कहां खरीदते और कहां बेचते रहे हैं, इसको समझने की कला विकसित कर सकें तो सफलता का चांस बढ़ जाता है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं।
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