एफआईआई, डीआईआई ही निर्णायक

रिटेल ट्रेडर को हमेशा बाज़ार के रुख के साथ चलना चाहिए। बाज़ार का रुख कभी-कभी म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों जैसे देशी संस्थागत निवेशक (डीआईआई) भी तय करते हैं। लेकिन ज्यादातर उसका फैसला विदेशी पोर्टफोलियो या संस्थागत निवेशक (एफपीआई या एफआईआई) ही करते हैं। डेरिवेटिव बाज़ार तो विदेशी निवेशकों के लिए महज हेजिंग का जरिया है। वे अपनी असली कमाई करते हैं शेयर बाज़ार के कैश सेगमेंट से। इसमें अगर उनकी शुद्ध खरीद जारी है और प्रतिदिन की औसत शुद्ध खरीद 500 करोड़ रुपए से ज्यादा है तो बाज़ार का बढ़ना लगभग तय रहता है। कैश सेगमेंट में एफआईआई और डीआईआई की शुद्ध खरीद या बिकवाली की स्थिति हर दिन शाम पांच बजे से पहले तक बीएसई व एनएसई की वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दी जाती है। हर ट्रेडर को हर दिन अगले दिन के ट्रेड से पहले खोजकर इसे देख ही लेना चाहिए। अब बुधवार की बुद्धि…

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