हमारी दृढ़ धारणा नहीं बदल सकती। हमारा मानना था कि निफ्टी के 6200 के आपपास पहुंचने पर बिकवाली का थोड़ा दबाव आ सकता है और हमने लगभग दिन के सर्वोच्च स्तर 6178 पर मुनाफावसूली की। आपने पहली बार देखा होगा कि निफ्टी में पूरे सत्र के दौरान खरीद की कोई कॉल नहीं थी। हम कल का रुझान कल तय करेंगे। अभी तो हमारा मानना है कि इस सेटलमेंट में निफ्टी 6290 के ऊपर नहीं जाएगा। लेकिन वो 6000 के नीचे भी नहीं जाएगा। निफ्टी में नीचे और ऊपर के इस दायरे ने हमें जमकर मुनाफा दिया है।
जिंदल सॉ में आज काफी हलचल रही है। दिन में 234.40 तक चला गया, लेकिन नीचे में 222 तक भी गया। इस दौरान इसमें मुनाफावसूली भी हुई। अकेले बीएसई में 7.51 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जब पिछले दो हफ्ते का औसत कारोबार 2.52 लाख शेयरों का ही रहा है। एबीएन ने इस स्टॉक में खरीद की। लेकिन इस स्टॉक की गाथा अभी पूरी नहीं हुई है। एमआरपीएल हमारे तरकश से निकला एक और तीर है। इसमें वोल्यूम काफी तेजी से बढ़ा है। इसके बारे में अच्छी खबर जल्दी ही ओएनजीसी की तरफ से आनेवाली है। हमारा सुझाया क्विंटेग्रा सोल्यूशंस आज ऊपरी सर्किट तक जा पहुंचा। बालासोर एलॉयज धमाके को तैयार है।
स्पिक (सदर्न पेट्रोकेमिकल्स इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन) में कायाकल्प हो रहा है। यह फर्टिलाइजर सेक्टर का सबसे सस्ता स्टॉक है। आरसिल (एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड) ने इसके 150 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं जिसे बाजार ने पूरी तरह सोख लिया। अब तक कंपनी के बंद पड़े संयंत्र में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो चुका है। यह स्टॉक बिग बुल जैसे तेजड़ियों की नई खुराक बन गया है। इस शेयर पर पैनी नजर रखें। दो से तीन साल में यह 200 रुपए तक जा सकता है। कंपनी के प्रवर्तक ए मुथैया एकमुश्त सेटलमेंट (वन टाइम सेटलमेंट, ओटीएस) के लिए माथा फोड़ रहे थे। लेकिन अब केंद्र सरकार की पहल पर सारा सेटलमेंट हो चुका है। कंपनी का शेयर अभी 26 रुपए के आसपास चल रहा है। उसने इसी 14 अक्टूबर को 29.70 रुपए पर 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर हासिल किया है।
संजीवनी पैरेंटल फार्मा क्षेत्र की बड़ी कहानी है। यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बहुत मुफीद है। लेकिन लगता है कि प्रवर्तक इसमें खेल कर रहे हैं। वे इसका भाव दबाने की कोशिश में हैं ताकि कम मूल्य पर प्रिफरेंशियल आवंटन हासिल कर सकें। आरआईएल समूह से जुड़े ऑपरेटर इस स्टॉक में 50 रुपए के आसपास एंट्री ले चुके हैं जिसे हम ब्लॉक डील के रूप में देख सकते हैं। कंपनी अपनी सब्सिडियरी का विलय अपने में करने की जुगत में है लेकिन इससे पहले प्रवर्तक प्रिफरेंशियल आवंटन ले लेना चाहते हैं। एसजे ने इस कंपनी में 2 फीसदी हिस्सेदारी ले रखी है। एमके और जीएस भी इसमें हाथ डाल रहे हैं। इसलिए यह स्टॉक कुछ समय बाद सबकी नजर में चढ़ जाएगा। ऐतिहासिक रूप से कहें तो कोई भी फार्मा कंपनी अपने बिजनेस मैट्रिक्स के चलते 7 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड ही नहीं हो सकती। उद्योग का मानक पी/ई 20 के ऊपर है। इसलिए इस स्टॉक को देर-सबेर 150 रुपए के ऊपर जाना ही है।
एक बिजनेस चैनल ने कैम्फर एंड एलायड प्रोडक्ट्स के कार्यकारी चेयरमैन अनिल बोदानी का इंटरव्यू लिया है जिसमें बोदानी ने माना है कि कंपनी की कामयाबी का आधार घरेलू बाजार है क्योंकि हम अपने घरों पर जो कुछ खाते हैं उसमें कैम्फर का कम से कम एक उत्पाद जरूर होता है। अंत में बस इतना कि बाजार की तुलना कला से की जा सकती है जो कुछ पलों के लिए ही सही, हमारी कोई खोई हुई अनुभूति हमें वापस दिला देती है।
कला हमें एक साथ खुद को पाने और खोने का मौका उपलब्ध कराती है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)