जॉर्ज सोरोस खरीदेंगे बीएसई में चार फीसदी हिस्सेदारी

दुनिया के जानेमाने अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई में इक्विटी हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश में लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र फाइनेंशियल टाइम्स की एक ताजा खबर के मुताबिक सोरोस बीएसई में दुबई होल्डिंग्स की 4 फीसदी इक्विटी खरीदेंगे। इसके लिए वे 4 करोड़ डॉलर देने को तैयार हैं। इस आधार पर बीएसई का मूल्यांकन 100 करोड़ डॉलर का निकलता है। सेबी के नियमों के मुताबिक कोई एक विदेशी निवेशक देश के किसी स्टॉक एक्सचेंज में अधिकतम 5 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी ले सकता है।

पिछले ही महीने सिंगापुर के संप्रभु वेल्थ फंड टेमासेक ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में 5 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी 675 करोड़ रुपए (14.5 करोड डॉलर) में खरीदी है। इसी साल टोरोंटो के फाइनेंसर टॉम काल्डवेल और प्राइवेट इक्विटी ग्रुप एरगोनॉट वेंचर्स ने भी बीएसई के शेयर खरीदे हैं। बीएसई में जर्मनी के डॉयचे ब्योर्स और सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड (एसजीएक्स) पहले से ही इक्विटी भागीदार हैं।

असल में एसजीएक्स के साथ बीएसई प्रबंधन का कोई लफड़ा चल रहा है और उसने एक्सचेंज के निदेशक बोर्ड में अपनी सीट भी छोड़ दी है। आज ही बीएसई में अपने बोर्ड में एचडीएफसी के सीईओ केकी मिस्त्री को बतौर शेयरहोल्डर डायरेक्टर के रूप में शामिल किया है। बीएसई में एसजीएक्स की 4 फीसदी हिस्सेदारी अभी चार और सालों के लिए बंधी पड़ी है। नहीं तो वह बीएसई को छोड़कर एनएसई के साथ जाने के चक्कर में है। इसलिए ऐसे वक्त में बीएसई में जॉर्ज सोरोस की दिलचस्पी काफी मायने रखती है। सोरोस जिस दुबई होल्डिंग्स का 4 फीसदी हिस्सा खरीदना चाहते हैं, वह अमीरात के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतऊम के समूह से ताल्लुक रखती है। वह काफी समय से बीएसई से निकलने की कोशिश में है।

बीएसई की मौजूदा इक्विटी या चुकता पूंजी 10.33 करोड़ रुपए है जो एक रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसमें छह विदेशी निवेशकों की कुल 25.65 फीसदी हिस्सेदारी है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी की कुल 4.9 फीसदी हिस्सेदारी है। 2.94 फीसदी हिस्सा बजाज होल्डिंग्स और 1.04 फीसदी हिस्सा इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के सीईओ व प्रबंध निदेशक एस गोपालकृष्णन के पास है।

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