मध्य वर्ग पर विकास पड़ने लगा है भारी

सरकार का खज़ाना टैक्स से लबालब भरा है और भरता ही जा रहा है। ऊपर से वो जितना चाहे, देश के नाम पर बाज़ार से ऋण उठा सकती है, जिसे वो नहीं, आनेवाली पीढ़ियां चुकाएंगी। इस बीच शेयर बाज़ार बम-बम करता जा रहा है तो सरकार निश्चिंत भाव से अपने मित्रों के लिए पुराने मंत्रियों के दम पर पुरानी नीतियां ही चलाए जा रही है। देश के 81.35 करोड़ गरीब महीने का मुफ्त पांच किलो अनाज पाकर मस्त हैं। मोदी सरकार को इस बात से कोई परवाह नहीं कि उसे इस बार पूर्ण बहुमत नहीं मिला और वो भाजपा की नहीं, बल्कि बैखासियों पर टिकी एनडीए की सरकार है। लेकिन समस्या यह है कि जिस मध्य वर्ग और अवाम से सरकार इतना ज्यादा टैक्स प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से वसूल रही है, वो अब सवाल पूछने लगा है कि उसके टैक्स का सार्थक इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा और ज्यादातर टैक्स सरकार की ऐय्याशी पर क्यों खर्च हो रहा है। दिक्कत यह भी है कि जिस मध्य वर्ग की खपत की बुनियाद पर भारत के आर्थिक विकास की गाथा रची गई है, जिसे 2047 तक विकसित भारत का सपना दिखाया जा रहा है, वो आज त्राहि-त्राहि करने लगा है। अब मंगलवार की दृष्टि…

यह कॉलम सब्सक्राइब करनेवाले पाठकों के लिए है.
'ट्रेडिंग-बुद्ध' अर्थकाम की प्रीमियम-सेवा का हिस्सा है। इसमें शेयर बाज़ार/निफ्टी की दशा-दिशा के साथ हर कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए तीन शेयर अभ्यास और एक शेयर पूरी गणना के साथ पेश किया जाता है। यह टिप्स नहीं, बल्कि स्टॉक के चयन में मदद करने की सेवा है। इसमें इंट्रा-डे नहीं, बल्कि स्विंग ट्रेड (3-5 दिन), मोमेंटम ट्रेड (10-15 दिन) या पोजिशन ट्रेड (2-3 माह) के जरिए 5-10 फीसदी कमाने की सलाह होती है। साथ में रविवार को बाज़ार के बंद रहने पर 'तथास्तु' के अंतर्गत हम अलग से किसी एक कंपनी में लंबे समय (एक साल से 5 साल) के निवेश की विस्तृत सलाह देते हैं। इस कॉलम को पूरा पढ़ने के लिए आपको यह सेवा सब्सक्राइब करनी होगी। सब्सक्राइब करने से पहले शर्तें और प्लान व भुगतान के तरीके पढ़ लें। या, सीधे यहां जाइए।
अगर आप मौजूदा सब्सक्राइबर हैं तो यहां लॉगिन करें...

Existing Users Log In
   
New User Registration
Please indicate that you agree to the Terms of Service *
captcha
*Required field