अमेरिकी बाजार की हालत खराब, एशिया की हालत खराब, यूरोप की हालत खराब। फिर भी भारतीय बाजार ने आज अपने को टिकाए रखा। क्या इससे साबित होता है कि भारत की दुनिया से डीकपलिंग हो चुकी है, संधि-विच्छेद हो चुका है? यह सच नहीं है। हम कभी भी दुनिया के बाजारों से पूरी तरह जुदा नहीं हो सकते।
बाजार में आज गिरावट नहीं आई, बल्कि निफ्टी तो शान से 5400 के पार चला गया। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया के बाजारों का हाल देखते हुए अधिकांश ट्रेडरों ने सुबह के कारोबार में शॉर्ट सौदे कर लिए थे। उन्होंने 5400 पर स्टॉप लॉस लगा रखा था और वह वक्त आने पर ट्रिगर हो गया। वैसे, चर्चा यह है कि हंगरी नई मुसीबत में फंस सकता है।
फिर भी निफ्टी में बेचने की हमारी सलाह के पीछे की वजह कोई नई खबर नहीं थी। न ही हम बाजार को लेकर मंदी की धारणा रखते हैं। जो सीधी-सी बात हमारे दिमाग में है, वो यह कि रोलओवर का समय नजदीक आ रहा है और बाजार ज्यादा खरीद या ओवरबॉट की स्थिति में है। इसलिए अब बाजार में करेक्शन आना लाजिमी है। कोई भी अपनी पोजिशन में ढील देने को तैयार नहीं है क्योंकि उन्होंने मार्क टू मार्केट के आधार पर पैसे लेकर लगा रखे हैं।
बाजार में असली भागमभाग तब शुरू होगी जब निफ्टी 5373 के नीचे चला जाएगा। मेरे फाजिल दोस्त तब 5320 और 5300 के लक्ष्य के साथ बिकवाली की सलाह देने लगेंगे। इस बात की पूरी आंशका है कि बाजार 5250 तक भी जा सकता है। एचडीएफसी बैंक के नतीजे कमजोर रह सकते हैं, जबकि टीसीएस में मुनाफावसूली की शुरुआत हो चुकी है।
विम प्लास्ट, गिलैंडर्स और गल्फ ऑयल में नई लहर शुरू हो चुकी है और ये तीनों ही स्टॉक आनेवाले समय में सुपर स्टॉक बन सकते हैं। अगर इन शेयरों में कमजोरी या गिरावट आती है तो इन्हें खरीदकर अपनी होल्डिंग बढ़ा लेनी चाहिए। गल्फ ऑयल ने राइट्स इश्यू के लिए बुक क्लोजिंग घोषित कर दी है। राइट इश्यू का स्वरूप लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है।
गया हुआ वक्त कभी वापस नहीं आता और एक बार चूका गया मौका भी अक्सर उसी रूप में दोबारा लौटकर नहीं आता।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)