साल 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस को 206 और भाजपा को 116 सीटे मिली थीं। शनिवार, 16 मई को नतीजों की घोषणा के बाद सोमवार, 18 मई को शेयर बाजार खुला तो मनमोहन सरकार के दोबारा सत्ता में आने की खुशी में बल्लियों उछल गया। उस दिन निफ्टी 17.74% और सेंसेक्स 17.34% बढ़कर बंद हुआ। क्या इस बार मंगलवार, 4 जून को नतीजों की घोषणा के बाद मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आई तो बाज़ार इसी तरह बल्ले-बल्ले करेगा? कहीं, मोदी का तिलिस्म टूट गया तो क्या होगा? हालांकि 1 जून को एक्जिट-पोल के नतीजों के बाद बाज़ार सोमवार, 3 जून को किसी होनी-अनहोनी का झटका पचा चुका होगा। फिर भी वास्तविक नतीजों ने एक्जिट-पोल को धता बता दी तो बाज़ार में बवंडर मच सकता है। अर्थव्यवस्था के प्रबंधन पर अभी से मोदी सरकार की धज्जियां उड़ाई जाने लगी हैं। अर्थव्यवस्था के कुछ पारखी कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने दस साल में से केवल तीन साल काम किया और शुरुआत के सात साल बरबाद कर दिए। नोटबंदी व जीएसटी के गलत क्रियान्वयन ने ऐसा घात किया कि जीडीपी की विकास दर 5% से नीचे चली गई और बेरोज़गारी 45 साल के चरम पर। पिछले तीन साल में सरकार ने पूजीगत खर्च बढ़ाकर और पीएलआई जैसी स्कीमों से थोड़ी जान डाली है। मगर, चरम भ्रष्टाचार का संरक्षण जारी है। अब गुरुवार की दशा-दिशा…
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