देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) चालू वित्त वर्ष 2010-11 की दूसरी छमाही में 20,000 करोड़ रुपए का राइट्स इश्यू लाएगा। बैंक के चेयरमैन व प्रबंध निदेश ओ पी भट्ट ने बुधवार को दिल्ली में संवाददाताओं को यह जानकारी दी। राइट्स इश्यू में कंपनी के शेयरधारकों को ही शेयर बेचे जाते हैं। इसलिए एसबीआई के राइट्स इश्यू का भी तकरीबन 60 फीसदी केंद्र सरकार को खरीदना होगा क्योंकि बैंक की इक्विटी में उसकी हिस्सेदारी अभी 59.41 फीसदी है।
असल में किसी भी बैंक को कर्ज वितरण में वृद्धि के साथ अपनी पूंजी भी बढ़ानी पड़ती है। इसीलिए उनको किसी न किसी रूप में अपनी पूंजी बढ़ाते रहना पड़ता है। एसबीआई चेयरमैन भट्ट ने कहा कि कर्ज की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए टियर-1 पूंजी बढ़ाने के मकसद से राइट्स इश्यू लाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि बैंक अपना बेस रेट (न्यूनतम ब्याज दर) 7.5 से 8.5 फीसदी के बीच रख सकता है। पहली जुलाई से सभी बैंकों में बेस रेट की पद्धति लागू हो जाएगी और बैंक कोई भी ऋण इससे कम ब्याज पर दे सकता। हर बैंक के बेस रेट अलग-अलग हो सकते हैं।
इससे पहले इसी साल फरवरी में भी एसबीआई के चेयरमैन ने कहा था कि बैंक को अगले पांच सालों में कर्ज की मांग के अनुरूप करीब 40,000 करोड़ रुपए की पूंजी की जरूरत होगी ताकि पूंजी पर्याप्तता अनुपात को 12 फीसदी के वाजिब स्तर पर बनाया रखा जा सके। इसमें से राइट्स इश्यू से बचा हिस्सा बांडों के जरिए जुटाया जाएगा।