अभी रिजर्व बैंक द्वारा 3 मई मौद्रिक नीति में ब्याज दरें 0.25 फीसदी से 0..50 फीसदी बढ़ाने की अटकलें चल ही रही हैं कि देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपना बेस रेट 0.25 फीसदी बढ़ा दिया है। अभी तक यह 8.25 फीसदी था। अब 8.50 फीसदी हो गया। इससे बैंक द्वारा दिए गए होम और ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे।
एसबीआई ने इसके साथ ही अपने बेंचमार्क प्राइन लेंडिंग रेट (बीपीएलआर) को भी चौथाई फीसदी बढ़ा दिया है। उसकी बीपीएलआर अब 13.25 फीसदी हो गई है। इससे उससे होम लोन लेनेवालों की ईएमआई या ऋण चुकाने की अवधि बढ़ जाएगी। बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नई दरें 25 अप्रैल, 2011 से लागू होंगी।
बता दें कि बेस रेट या आधार दर वह ब्याज दर है, जिससे कम पर बैंक किसी को भी कर्ज नहीं दे सकते।
सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों की आधार दर 9 फीसदी या इससे अधिक है। मसलन, आईडीबीआई बैंक की आधार दर 9.25 फीसदी है। इस लिहाज से एसबीआई की आधार दर अभी भी कम है।
देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े आईसीआईसीआई बैंक की आधार दर 8.75 फीसदी है। बता दें कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों में पारदर्शिता लाने के लिए बेस रेट की व्यवस्था 1 जुलाई 2010 से शुरू की है। लेकिन बैंकों को नई प्रणाली अपनाने में सुगमता के लिए बीपीएलआर की पुरानी पद्धति को भी फिलहाल लागू रखा गया है।
रिजर्व बैंक का एक मकसद यह था कि बैंकों के नए-पुराने ग्राहकों को दिए गए कर्ज पर ब्याज का अंतर खत्म हो जाए। लेकिन नौ महीने बीत जाने के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ है। व्यवहार में बीपीएलआर ही चल रही है। सिद्धांत में बेस रेट का झुनझुना जरूर बजाया जा रहा है।