आर्थिक विकास की ढोल की पोल खोलते कुछ ताज़ातरीन तथ्य। कुछ ही दिन पहले जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के व्यापार घाटे ने अक्टूबर महीने में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। व्यापार घाटे का बढ़ना हमारे लिए अच्छा नहीं, वो भी तब कई सालों से आत्मनिर्भर भारत का नारा उछाला जा रहा हो। अक्टूबर में देश का वस्तु निर्यात 33.57 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 65.03 अरब डॉलर का तो व्यापार घाटा 31.46 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। सरकारी अधिकारी कहते हैं कि विश्व व्यापार में ऐसी ऊंच-नीच चलती रहती है और वैसे भी इस समय यूरोप से लेकर अमेरिका तक की अर्थव्यवस्था दवाब में है। फिर भी अक्टूबर में हमारा वस्तु निर्यात बढ़ा है। इस साल जनवरी से अब तक के दस महीनों में तीसरी बार हमारा निर्यात बढ़ा है तो निंदा के बजाय इसका स्वागत किया जाना चाहिए। इस अक्टूबर का निर्यात पिछले साल के अक्टूबर से 6.29% अधिक है। लेकिन एक साल और पहले चलें जाएं तो अक्टूबर 2021 में हमारा निर्यात 35.7 अरब डॉलर था। याद करें कि तब कोरोना की महामारी ने देश-दुनिया को जकड़ रखा था। आज हमारा निर्यात उससे भी 5.97% कम है। बढ़ते व्यापार घाटे से रुपया गिरता रहा है, लेकिन निर्यात नहीं बढ़ रहा। आखिर क्यों? अब शुक्रवार का अभ्यास…
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