आप सुबह-सुबह फल या सब्जी के किसी थोक बाजार में चले जाएं वहां आपको खरीदार और विक्रेता हाथ को रूमाल से ढंककर सौदे करते हुए मिल जाएंगे। आप ऊपर-ऊपर देखकर समझ ही नहीं सकते कि आखिर हो क्या रहा है। असल में फल और सब्जी के थोक बाजार में इसे रूमाली सौदा कहते हैं और यह अरसे से चला आ रहा नितांत हिंदुस्तानी तरीका है। थोक बाजार में सौदा करते समय खरीदार और विक्रेता आपस में हाथ मिलाते हैं। उनके हाथ रूमाल से ढंके रहते हैं।
रूमाल के नीचे हाथ मिलाते समय दोनों एक-दूसरे की उंगलियां दबाकर इशारे से सौदे का भाव तय करते हैं। इस सौदे में खरीदार के उंगलियां दबाने के तरीके से पता चल जाता है कि वह पुराना ग्राहक है या कोई नौसिखिया। साथ ही यह भी कि वह सौदा करने योग्य है भी कि नहीं। दूसरे रूमाल से हाथ ढंके होने के कारण सौदे की गोपनीयता बनी रहती है। बगल में खड़े शख्स को भी नहीं पता चलता है कि सौदा कितने में हुआ है। सबके सामने गोपनीयता बनाए रखने का यह अद्भुत पारंपरिक तरीका है।