ज्यादा नहीं चलती जोर-जबरदस्ती

बुधवार को सरकारी कंपनी मॉयल लिमिटेड (पुराना नाम मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड) की लिस्टिंग होनी है। बुधवार को बीएसई सेंसेक्स 20,000 अंक के ऊपर चला जाएगा। आपके लिए इस पर भरोसा करना कठिन है। लेकिन यह सच है।

बाजार में बनी पोजिशन में जितना इधर-उधर होना था, हो चुका है। ऑपरेटर अब पूरे सुकून की स्थिति में आ चुके हैं। इसका अंदाजा करुतुरी ग्लोबल के ऊपरी सर्किट तक पहुंचने और के एस ऑयल के ऊपर में 41.70 रुपए तक जाने से लगाया जा सकता है। अगर ऑपरेटरों की समस्या बनी रहती तो के एस ऑयल 20 रुपए तक डूब गया होता। बाकी आप क्या समझना और मानना चाहते हैं, यह आप पर निर्भर करता है।

इस समय शेयर बाजार के साथ कोई समस्या नहीं है। देश के आर्थिक मूलाधार मजबूत हैं। तीसरी तिमाही में कंपनियों के लाभ की स्थिति अच्छी रहनेवाली है। चीन ने ब्याज दरें नहीं बढ़ाईं। भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 10 फीसदी के पार चला गया है। जीडीपी की विकास दर 9 फीसदी के पार जा सकती है। सरकार और भी धन उगाहना चाहती है। इसलिए बाजार का हाल एकदम चौचक है।

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कहीं कुछ गलत हुआ होगा, तभी उसकी सजा दी जाएगी। यूं तो किसी भी कंपनी में 1 फीसदी से ज्यादा शेयर खरीदनेवाले हर निवेशक को पीएसी (परसन एक्टिंग इन कंसर्ट) या दूसरे शब्दों में इनसाइडर ट्रेडिंग के जरिए भावों से छेड़छाड़ करनेवाला व्यक्ति माना जा सकता है। लेकिन यह संभव नहीं है। इसलिए ज्यादा हैरान-परेशान होने और हायतौबा मचाने की जरूरत नहीं है।

किसी भी शेयर में धांधली या जोर-जबरदस्ती लंबे समय तक नहीं चल सकती है। किंगफिशर एयरलाइंस को दबाकर 55 रुपए तक ले जाया लेकिन वह पलटकर 64 रुपए पर आ चुका है। इसी तरह तमाम दूसरे स्टॉक भी कृत्रिम फासला पाट लेंगे और टेक्निकल एनालिसिस व चार्ट वाले गदगद हो जाएंगे क्योंकि इसके बाद उन्हें खरीद का सिग्नल तब मिलेगा जब निफ्टी 6000 को पार कर जाएगा। इसलिए, चिंता से चतुराई घटे तो चिंता एकदम कीजिए ही मत।

आखिरी, लेकिन अहम बात। आज संसद के शीत सत्र का आखिरी दिन था। अब बजट सत्र फरवरी के तीसरे हफ्ते में शुरू होगा। तब तक के दो-ढाई महीनों में सारा राजनीतिक गुबार शांत हो चुका होगा। सब कुछ पटरी पर आ गया होगा। हां, इधर कई पाठकों ने ई-मेल और फोन के जरिए व्यक्तिगत रूप से जानना चाहा है कि वे अपने शेयरों का क्या करें। मैं उनसे बस इतना कहना चाहता हूं कि हमारे सुझाए किसी भी स्टॉक के साथ कोई समस्या नहीं है और इसलिए आपके पास जो भी स्टॉक हैं, उन्हें होल्ड करके रखें। ज्यादा उधार लेकर बाजार में निवेश न करें। मैं दावे के साथ कहता हूं कि 2011 में सेंसेक्स को 23,000 से 26,000 अंक तक पहुंचना ही है। यह बढ़त अंग्रेजी के V और W के आकार की होगी।

शब्द के आगे शब्द, शब्द के आगे शब्द, शब्द के आगे शब्द। शब्दों का यह क्रम अनुनाद पैदा करता है और अनुनाद से पैदा होती है शक्ति। मंत्रों की शक्ति।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ हैलेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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