चढ़ जा बेटा सूली पर, भला करेंगे राम। खुद मौज करते हुए राम का वास्ता देकर दूसरों को सूली पर चढ़ाने की यह सलाह ठीक नहीं। वो भी तब, जब इसे देश के सर्वोच्च पद पर बैठा कोई शख्स दे रहा हो। लेकिन यह सच है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठीक चुनावों के बीच टीवी पर इंटरव्यू में लोगों को शेयर बाज़ार में निवेश करने की सलाह देते हुए कहा कि 4 जून को नतीजों के दिन बाज़ार रिकॉर्ड पर पहुंचनेवाला है। गौर करने की बात यह है कि खुद नरेंद्र मोदी ने शेयर बाज़ार में एक धेले का भी निवेश नहीं कर रखा है। कोई पारिवारिक ज़िम्मेदारी नहीं, 12 साल गुजरात के मुख्यमंत्री और 10 साल देश के प्रधानमंत्री रहने के कारण उन्हें गाड़ी-बंगला से लेकर आजीवन मौज करने लायक पेंशन मिलती रहेगी। इतने सुरक्षित जीवन के बावजूद उन्होंने शेयर बाजार में निवेश का जोखिम नहीं उठाया। मगर, दूसरों को लालच दिखाकर उफनती धारा में कूदने की सलाह दे रहे हैं! यह घोर अनैतिक आचरण है। मोदी का कुल निवेश ₹3.02 करोड़ का है। इसका बड़ा हिस्सा भारतीय स्टेट बैक की एफडी, थोड़ा हिस्सा नेशनल सेविंग सर्टीफिकेट (एनएससी) और बेहद मामूली हिस्सा सोने की अंगूठियों में हैं। खुद जोखिम से भागकर वे आमजन को जोखिम में क्यों धकेल रहे हैं? अब तथास्तु में आज की कंपनी…
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